यदि पैसा आपके जीवन में चिंता का कारण है, तो आप अकेले नहीं हैं। हमने देखा है कि बहुत से लोग पैसा कमाने के बारे में बात करते हैं, लेकिन शायद ही कुछ लोग होते हैं जो इसे सही तरीके से प्रबंधित करने के बारे में बात करते हैं।
वित्तीय प्रबंधन एक पेचीदा विषय है और हममें से कई लोग इससे जूझते हैं। प्रभावी धन प्रबंधन (Money Management) आपको दीर्घकालिक स्थिरता और आसान सेवानिवृत्ति सुनिश्चित करते हुए, अपना पैसा बचाने, निवेश करने और व्यवस्थित रूप से खर्च करने की अनुमति देता है। हालाँकि, धन प्रबंधन तब सही ढंग से किया जा सकता है जब आप अपने वित्त प्रबंधन के लिए कुछ तरीकों का पालन करें। यह लेख आपको सर्वोत्तम धन प्रबंधन युक्तियों के बारे में मार्गदर्शन करेगा तो आइए एक नजर डालते हैं।
ध्यान रखें –
- धन प्रबंधन वे सभी तरीके हैं जिनसे आप बजट, खर्च, बचत, निवेश, क्रेडिट का उपयोग और लोन का भुगतान करके अपने पैसे को संभालते हैं।
- वित्तीय चिंता (Financial anxiety) को अपने पैसे के बारे में जानबूझकर सोचने से न रोकें। जब आप धन प्रबंधन और वित्तीय योजना को व्यवस्थित, रणनीतिक तरीके से अपनाते हैं, तो यह आपको एक उज्ज्वल वित्तीय भविष्य के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है।
- धन प्रबंधन की कई ऐसी रणनीतियाँ और उपकरण हैं जिनका उपयोग आप बजट बनाने, अपने खर्च पर नज़र रखने, बचत की योजना बनाने, कर्ज चुकाने और अच्छी क्रेडिट आदतें स्थापित करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा आपका मोबाइल ऐप्स, सॉफ्टवेयर आदि का भी प्रयोग कर सकते हैंI
धन प्रबंधन क्या है? (What is money management?)
धन प्रबंधन वह सभी तरीके हैं जिनसे आप बजट बनाते हैं, खर्च करते हैं, बचत करते हैं और अपने पैसे का निवेश करते हैं। इसमें यह भी शामिल है कि आप क्रेडिट का उपयोग कैसे करते हैं और ऋण का भुगतान कैसे करते हैं। संक्षेप में, यह है कि आप अपने वित्त को कैसे संभालते हैं।
अपने पैसे को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के तरीके खोजने से आपके वित्त पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और पैसे को लेकर आपका तनाव कम हो सकता है।
अपने पैसे का बेहतर प्रबंधन कैसे करें (How to manage your money management better.)
ये 8 व्यावहारिक धन प्रबंधन टिप्स आपके वित्त पर नियंत्रण रखने में आपकी सहायता के लिए यहां दी गई हैं।
1. एक बजट बनाएं. (Make a budget)
वित्तीय तनाव से जूझ रहे लोगों को बजट बनाने में अधिक परेशानी होती है। वे अपने पैसे पर नियंत्रण भी कम महसूस करते हैं और अपनी तनख्वाह को बिना सोचे-समझे खर्च कर देते हैं। बजट बनाना स्वस्थ धन संबंधी आदतें विकसित करने की दिशा में एक बेहतरीन कदम है। उपभोक्ता वित्तीय सुरक्षा ब्यूरो {Consumer Financial Protection Bureau (CFPB)} के अनुसार,
“बजट यह सुनिश्चित करने में सहायता करता है कि आपके पास भविष्य के लक्ष्यों एवं योजनाओं के लिए अपनी बचत का निर्माण करते हुए, उन चीज़ों के लिए पर्याप्त पैसा है जिनकी आपको आवश्यकता है और जो चीज़ें आप चाहते हैं।”
यदि बजट बनाना भारी लगता है, तो इन सरल चरणों से शुरुआत करें:
- अपनी मासिक आय जोड़ें— इसमें आपकी नौकरी पर आपका वेतन और आय के अन्य स्रोत जैसे बोनस, टैक्स रिफंड या अतिरिक्त काम से आय शामिल है।
- अपने मासिक खर्च जोड़ें— इनमें आवास, भोजन, छात्र ऋण और परिवहन जैसी प्रमुख श्रेणियों के खर्च शामिल हो सकते हैं। मासिक भुगतान के लिए जो हमेशा एक जैसे नहीं होते, जैसे मनोरंजन और जरूरतों के लिए, आप पिछले महीनों के औसत का उपयोग कर सकते हैं।
- अपने खर्चों को अपनी आय से घटाएं— यह राशि आपके बजट का आरंभिक स्थान होगा यदि आप कर्ज चुका रहे हैं और बचत जमा कर रहे हैं तो जो कुछ भी बचा है, उससे आप शुरुआत कर सकते हैं।
कुछ सामान्य बजट रणनीतियाँ भी हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं, जैसे- 50-30-20 रूल। इस दृष्टिकोण के अनुसार, किराया, बीमा और भोजन जैसी आवश्यकताओं को आपकी आय का 50% हिस्सा लेना चाहिए। और आपकी आय का 30% हिस्सा उन चीज़ों पर खर्च किया जा सकता है जो आप चाहते हैं, जैसे मनोरंजन। बाकी आपकी आय का अंतिम 20% बचत में लगाया जाना चाहिए।
2. अपने खर्चों पर नज़र रखें. (Track your spending)
अपने खर्चों पर नज़र रखने से आप ज्यादा खर्च होने से बचने और अपने बजट के भीतर ही रहने में आपको मदद मिल सकता है। इसलिए खर्च पर नज़र रखना जटिल नहीं होना चाहिए। आप चाहें तो ऑनलाइन उपलब्ध अनेक ऐप्स में से किसी एक का उपयोग करके अपने खर्चों को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड कर सकते हैं जो आपके पैसे को ट्रैक करने में सहायता करते हैं।
यदि आप गैर-डिजिटल विकल्प पसंद करते हैं, तो आप बस एक नोटबुक में सब कुछ नोट करके ट्रैक कर सकते हैं।यह आपके खर्चों को श्रेणियों में विभाजित करने में भी मदद कर सकता है। इस तरह, आप ठीक-ठीक देख पाएंगे कि आपका पैसा कहां जा रहा है और आप कहां बहुत अधिक खर्च कर रहे हैं।
उन अनावश्यक खर्चों में कटौती करें जिनका आप यूज काफी कम करतें है या कभी कभी करते हैं जैसे- स्ट्रीमिंग सेवाओं और मोबाइल ऐप्स के मासिक सब्सक्रिप्शन के बारे में भूलना आसान है जो आपके बैंक खाते से तब भी शुल्क कटते रहते हैं जब आप इन सेवाओं का नियमित रूप से उपयोग भी नहीं करते हैं। इस तरह के शुल्कों के लिए अपने खर्च की समीक्षा करें, और हो सके तो अनावश्यक सदस्यताओं को रद्द करने पर विचार करें।
3. सेवानिवृत्ति के लिए बचत करें. (Save for retirement)
सेवानिवृत्ति के लिए बचत करना सबसे महत्वपूर्ण कामों में से एक है और बहुत से लोग ऐसा करने में असफल हो जाते हैं। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ने लगती है, हमारी कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है और इसलिए हमें अपने जीवन में एक समय के बाद सेवानिवृत्त होना पड़ता है।
इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि जब आप शांतिपूर्ण सेवानिवृत्ति जीवन जीना चाहते हैं तो जल्द से जल्द पैसा बचाना शुरू कर दें। याद रखें कि आप जितना अधिक बचाएंगे, उतनी ही जल्दी आप रिटायर हो सकते हैं।
वर्तमान में भारतीय अपने सुनहरे वर्षों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेवानिवृत्ति योजनाओं की विस्तृत श्रृंखला में से एक या उससे अधिक चुन सकते हैं। भारत में उपलब्ध सेवानिवृत्ति योजनाओं के संबंध में मुख्य विवरण नीचे दिए गए हैं:
- (a.) तत्काल वार्षिकी योजनाएँ (Immediate Annuity Plans)— वार्षिकी योजनाएँ ग्राहक को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित रूप से मासिक आय प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। तत्काल वार्षिकी योजनाओं के मामले में ग्राहक एकमुश्त निवेश करता है जिसके बाद वार्षिकी भुगतान 1 वर्ष के भीतर शुरू हो जाता है। यह सेवानिवृत्ति योजना निवेश विकल्प उन व्यक्तियों के लिए सबसे उपयुक्त है जो सेवानिवृत्ति के करीब हैं।
- (b.) आस्थगित वार्षिकी योजनाएँ (Deferred Annuity Plans)— इस प्रकार की वार्षिकी योजना में, निवेशक के पास वह समय-सीमा या अवधि चुनने का विकल्प होता है, जिस पर वह वार्षिकी भुगतान प्राप्त करना चाहता है। इस प्रकार की सेवानिवृत्ति योजना का लाभ उठाने के लिए ग्राहक को संचय चरण (accumulation phase) के दौरान समय-समय पर कई अपेक्षाकृत छोटे भुगतान करने होते हैं। इस अवधि के दौरान ये छोटे निवेश बढ़ते हैं और सेवानिवृत्ति के लिए एक कोष बनाते हैं। इस वार्षिकी योजना से भुगतान आम तौर पर सेवानिवृत्ति के बाद शुरू होता है।
- (c.) वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme)— वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) एक सरकार समर्थित बचत योजना है जो सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय देने के लिए बनाई गई है। इस कर-बचत निवेश विकल्प का लाभ 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के सेवानिवृत्त व्यक्तियों के साथ-साथ 55 से 60 वर्ष की आयु के व्यक्ति भी उठा सकते हैं। इस बचत योजना में न्यूनतम निवेश रु.1000 सालाना और अधिकतम निवेश रु.15 लाख तक कर सकते हैंI प्रारंभिक निवेश अवधि 5 वर्ष है और परिपक्वता के बाद अतिरिक्त 3 वर्ष तक बढ़ाने का विकल्प है।
- (d.) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System)— राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) एक सेवानिवृत्ति योजना है जिसका लाभ 18 से 70 वर्ष की आयु के बीच कोई भी व्यक्ति उठा सकता है। यह सेवानिवृत्ति योजना एक वित्तीय वर्ष में 2 लाख रुपये तक का कर लाभ प्रदान करती है। यह सेवानिवृत्ति योजना विकल्प उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो बाजार से जुड़े उपकरणों में निवेश के मध्यम से उच्च जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं। निवेशक इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड और वैकल्पिक निवेश फंड में निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं। NPS खाता ग्राहक के 60 वर्ष का होने के बाद परिपक्व होता है और राशि का उपयोग annuities खरीदने और सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
4. आपात्कालीन स्थिति के लिए बचत करें. (Save for emergencies)
यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि आपके पास एक आपातकालीन निधि है जिसमें अप्रत्याशित जीवन की घटनाओं के लिए जिसमें आपके पास पैसा रखा है। भले ही इस फंड में आपका योगदान छोटा हो लेकिन यह फंड आपको उन जोखिम भरी परिस्थितियों से बचा सकता है जिसमें आपको उच्च ब्याज दरों पर पैसे उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है या संभवतः आप समय पर अपने बिलों का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते हैं जैसे- नौकरी छूटने की स्थिति में, आकस्मिक दुर्घटना के इलाज में…..आदि। इस फंड को बढ़ाने और पैसा निकालने की आदत को बेहतर बनाने के लिए स्वचालित योगदान जैसे तरीकों का उपयोग करें।
बचत शुरू करने में आपकी सहायता के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- याद रखें कि ब्याज दरें अलग-अलग हो सकती हैं— अलग-अलग बैंकों में बचत खातों की ब्याज दरें अलग अलग हो सकती हैं I ज्यादा ब्याज दर देने वाले बैंक में बचत खाता खुलवाना बुद्धिमानी हो सकती है। कुछ बैंक उच्च-उपज वाले बचत खाते (High-yield savings accounts) भी प्रदान करते हैं।
- अतिरिक्त आय अपने खाते में डालें— जब आपको अपनी नौकरी पर टैक्स रिफंड या बोनस मिलता है, तो आप अपने आपातकालीन निधि को बढ़ावा देने के लिए इसे अपने बचत खाते में जमा कर सकते हैं।
- स्वचालित बचत सेट करें (Set up automatic savings)— अपने नियोक्ता की मदद से आप अपने वेतन से अपने बचत खाते में स्वचालित स्थानांतरण सेट करने में सक्षम हो सकते हैं। इस तरह जरूरत पड़ने पर भी पैसा आपके पास उपलब्ध रहेगा।
5. कर्ज चुकाने की योजना बनाएं. (Plan to pay off debt)
कर्ज चुकाने से आपको अपने वित्त और धन संबंधी तनाव को बेहतर ढंग से मैनेज करने में भी मदद मिल सकती है। यहां कर्ज चुकाने की तीन प्रमुख रणनीतियाँ दी गई हैं:
- स्नोबॉल विधि (The snowball method)— “स्नोबॉल विधि” का सरल शब्दों में अर्थ है अपने सभी ऋणों में से सबसे छोटे लोन का यथाशीघ्र भुगतान करना। एक बार जब सबसे छोटे लोन को चुका दिया जाता है, तो आपके पास उस छोटे लोन को भरने वाली EMI का पैसा आपके पास बचता हैं जिसका प्रयोग आप उसे अगले सबसे छोटे बकाया ऋण में डाल देते हैं। बार-बार यही प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक सभी खातों का लोन चुकता नहीं हो जाता। जैसे ही आप उपयोग की गई धनराशि को अपनी सूची में सबसे छोटे लोन से अगले तक रोल करते हैं, राशि “स्नोबॉल” हो जाती है और बड़ी और बड़ी हो जाती है और कम होने वाले ऋण की दर तेज हो जाती है।
- ऋण हिमस्खलन विधि (The debt avalanche method)—इसे “उच्चतम-ब्याज दर” भी कहा जाता है I सबसे पहले अपने ऋणों को उनकी ब्याज दरों के आधार पर उच्चतम से निम्नतम तक सूचीबद्ध करने से शुरू होती है। आप अपना पैसा सबसे पहले उच्चतम ब्याज दर वाले ऋण में लगाते हैं। एक बार इसका भुगतान हो जाने पर, उन अतिरिक्त धनराशि का उपयोग आपकी सूची में अगले ऋण का भुगतान करने के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही साथ आप अपने सभी ऋणों पर न्यूनतम भुगतान करना भी जारी रखते हैं।
- ऋण समेकन (Debt consolidation)- ऋण समेकन ग्राहकों को सभी ऋण दायित्वों को एक नए ऋण में समेकित (मिलाने) करने और बिना किसी वित्तीय बोझ के कम ब्याज संरचना पर आराम से ऋण चुकाने में सक्षम बनाता है। ध्यान रखें कि ऋण समेकन से जुड़ी फीस हो सकती है तथा इससे आपका कर्ज नहीं समाप्त होगा I यह जरूरी नहीं है कि ऋण समेकन करने से आपका लोन पहले की अपेक्षा सस्ता हो जाए।
6. अच्छी ऋण आदतें बनाएं. (Establish good credit habits)
क्रेडिट स्कोर, वित्तीय स्वास्थ्य का एक मुख्य हिस्सा होता है अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने पर काम करने से आपको एक उज्जवल वित्तीय भविष्य के लिए तैयार होने में मदद मिल सकती है।
ऋणदाता (Lenders) कर्ज देने के लिए आपके क्रेडिट स्कोर का उपयोग यह तय करने में कर सकते हैं कि आपको ऋण के लिए मंजूरी दी जाए या नहीं तथा आपको लोन किन शर्तों की पेशकश (offers) के साथ की जाए। जब पर्सनल लोन या ओवरड्राफ्ट हो या फिर होम लोन लेने के लिए आप आवेदन करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर ही काम में लिया जाता है।
यहां कुछ अच्छी क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए आदतें दी गई हैं जो आपके काम का हो सकता हैं:
- हर बार अपने बिलों का भुगतान समय पर करें। देर से भुगतान आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है और विलंब शुल्क और जुर्माना एपीआर को ट्रिगर कर सकता है।
- अपनी क्रेडिट सीमा के करीब न जाएं I “Consumer Financial Protection Bureau” आपके क्रेडिट उपयोग अनुपात को 30% से कम रखने की अनुशंसा करता है।
- एक लंबा क्रेडिट हिस्ट्री बनाने पर काम करें। क्रेडिट खाता बंद करने से पहले यह अवश्य सोचें कि यह आपके क्रेडिट स्कोर को कैसे प्रभावित कर सकता है।
- केवल उस क्रेडिट के लिए आवेदन करें जिसकी आपको आवश्यकता है। बार-बार नई क्रेडिट लाइन के लिए आवेदन करने से कड़ी पूछताछ शुरू हो सकती है, विशेष रूप से कम समय में बहुत अधिक कठिन पूछताछ आपके क्रेडिट स्कोर पर बड़ा नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है जो आपके क्रेडिट स्कोर को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है।
7. जल्दी निवेश शुरू करें. (start investing early)
आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, लंबी अवधि में आप उतनी ही अधिक पूंजी बना सकेंगे। अगर आप छोटी शुरुआत करते हैं तो ठीक है, लेकिन सुनिश्चित करें कि आप अपनी मासिक आय का कम से कम 10% निकालकर कहीं निवेश करते रहें जहां यह समय के साथ बढ़ता रहे। स्टॉक, क्रिप्टो और म्यूचुअल फंड, रियल स्टेट कुछ ऐसे विकल्प हैं जिनमें आप निवेश करने का विचार बना सकते हैं।
8. अपने निवेश में विविधता लाएं. (Diversify your investments)
निवेश के सुनहरे नियमों में से एक है इसमें विविधता लाना क्योंकि जब आप अपना सारा पैसा एक जगह लगाते हैं, तो स्टॉक मार्केट के गिरने पर आप अपना सब कुछ खो सकते हैं। इसलिए, आपको अपना पैसा विभिन्न संपत्तियों में निवेश करना चाहिए जो आपके दीर्घकालिक और अल्पकालिक लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकें।
याद रखें, अगर आप पैसे को लेकर तनाव महसूस कर रहे हैं तो आप अकेले नहीं हैं। अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुँचने में समय और निरंतरता लगती है इसके साथ ही साथ सकारात्मक वित्तीय मानसिकता अपनाने से आपको अपने लक्ष्यों पर टिके रहने और अपने पैसों का बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिल सकता है।
FAQ (अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न)
मुझे पैसे क्यों बचाना चाहिए?
बचत के कई फायदों में से एक यह है कि यह आपको दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान करती है। भविष्य अप्रत्याशित है, और वित्तीय आपात स्थिति कभी भी उत्पन्न हो सकती है। पैसा बचाने से आप अपने भविष्य के खर्चों के साथ-साथ अनियोजित वित्तीय जरूरतों के लिए एक सुरक्षा कवच बना सकते हैं।
स्मार्ट बजट क्या है?
स्मार्ट का मतलब विशिष्ट, मापने योग्य, प्राप्त करने योग्य, प्रासंगिक और समयबद्ध (SMART का मतलब Specific, Measurable, Achievable, Relevant and Time-bound) है। इसका मतलब है कि आप विशिष्ट लक्ष्यों को लिखें (या टाइप करें) जो मापने योग्य, प्राप्त करने योग्य (बहुत महत्वपूर्ण) हैं, और आपके बजट और जरूरतों के लिए प्रासंगिक हैं। फिर अपने आप को उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक समय सीमा दें।
आपका धन प्रबंधन क्या है?
धन प्रबंधन से तात्पर्य यह है कि बजट बनाने से लेकर निवेश करने तक, बचत और लक्ष्य निर्धारित करने में आप अपने सभी वित्त को कैसे संभालते हैं।
धन प्रबंधन कितना महत्वपूर्ण है?
धन प्रबंधन आपके वित्तीय जीवन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है। बजट बनाने, खर्च करने और बचत करने का तरीका जानने से आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने, कर्ज से छुटकारा पाने और अपनी बचत बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
वित्तीय लक्ष्य क्या हो सकते हैं?
1. सेवानिवृत्ति योजना बनाना। 2. छुट्टी का वित्तपोषण। 3. छात्र ऋण का समाधान करना। 4. गृहस्वामी बनना। 5. एक व्यवसाय शुरू करना। 6. कॉलेज ट्यूशन का भुगतान करना। 7. आपातकालीन स्थिति के लिए धन आरक्षित करना। 8. अधिक वेतन वाली नौकरी ढूँढना।
अपने पैसे का बेहतर प्रबंधन कैसे करें?
1. बजट बनाएं। 2. अपने खर्च पर नज़र रखें। 3. सेवानिवृत्ति के लिए बचत करें। 4. आपातकालीन स्थिति के लिए बचत करें। 5. कर्ज चुकाने की योजना बनाएं। 6. अच्छी क्रेडिट आदतें बनाएं। 7. अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी करें।