यह कोई छिपा हुआ रहस्य नहीं है कि भारतीयों को सोने में निवेश करना कितना पसंद है। हम छोटे-बड़े मौकों पर सोना खरीदते रहते हैं। भारत में सोना एक बेहतरीन निवेश माना जाता है, चाहे इसे किसी भी रूप में खरीदा गया हो। हालाँकि, जब आप सोने के आभूषण खरीदते हैं, तो आपको मेकिंग चार्ज में बहुत अधिक भुगतान करना पड़ता है। तो फिर आप लंबी अवधि में गोल्ड लोन का लाभ कैसे प्राप्त कर सकते हैं? खैर, आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं। आइए जानें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है और इसके बारे में अन्य आवश्यक तथ्य।
सॉवरेन गोल्ड बांड क्या है? || What is sovereign gold bonds?
भौतिक सोने की मांग को कम करने और इसे वित्तीय बचत की ओर स्थानांतरित करने के लिए भारत सरकार द्वारा 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, निवेशक सरकार द्वारा जारी बांड की सदस्यता ले सकते हैं जो सोने के ग्राम में अंकित हैं। ये बांड भारत सरकार द्वारा समर्थित हैं, जो इन्हें एक सुरक्षित और विश्वसनीय निवेश विकल्प बनाता है।
स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत, बांड को न्यूनतम इकाई 1 ग्राम सोना के गुणकों में मूल्यवर्गित किया जाता है। सरकार स्वर्ण बांड पर 2.50% प्रति वर्ष का ब्याज देती है, जिसका भुगतान अर्धवार्षिक रूप से किया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह निवेशकों को नियमित आय स्ट्रीम प्रदान करता है।
सॉवरेन गोल्ड बांड के लाभ || Advantages Of Sovereign Gold Bonds (sgb)
1. ब्याज भुगतान (Interest Payment):
- हर 6 महीने में भुगतान के साथ निश्चित वार्षिक ब्याज दर।
- सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव के बावजूद ब्याज की गारंटी।
2. कागज और डीमैट प्रारूप (Paper and Demat Format):
- पेपर और डीमैट दोनों प्रारूपों में उपलब्ध है
- भौतिक सोने के भंडारण की चिंता दूर हो जाती है।
- अपने नाम पर प्रमाणपत्र रखना, चोरी के जोखिम और भंडारण लागत को कम करना।
3. कर लाभ (Tax Benefit):
- एसजीबी से ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं।
- इंडेक्सेशन लाभ के साथ परिपक्वता से पहले हस्तांतरणीय।
- परिपक्वता के बाद निकासी (redemption) पर पूंजीगत लाभ कर से छूट; ब्याज आय स्लैब के आधार पर कर योग्य है।
सॉवरेन गोल्ड बांड के नुकसान || Disadvantages of sovereign gold bond (sgb)
1. परिपक्वता (Maturity):
- 8 साल की लंबी परिपक्वता अवधि, जो कुछ निवेशकों को हतोत्साहित करने वाली लगती है।
- सोने की कीमत की अस्थिरता को कम करने और घाटे को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया।
- निवेश की तारीख से 5 साल बाद निकासी का विकल्प।
2. पूंजी हानि (Capital Loss):
- बांड का मूल्य अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमतों से जुड़ा हुआ है।
- यदि मोचन मूल्य (redemption price) खरीद मूल्य से कम है तो पूंजी हानि की संभावना।
- सरकारी प्रयासों का उद्देश्य सोने की कीमतों को स्थिर करना है, लेकिन पूंजीगत हानि एक संभावित जोखिम बनी हुई है, खासकर अगर 5 साल से पहले निकासी किया जाए तब।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजनाओं में निवेश के लिए कौन पात्र है? || Who is eligible to invest in sovereign gold bond scheme
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ने सोने में निवेश करने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए एक निवेश विकल्प के रूप में लोकप्रियता हासिल की है। हालाँकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना पात्रता मानदंडों को पूरा करना आसान है, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि इन बॉन्ड में कौन निवेश कर सकता है और कौन नहीं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के लिए पात्रता (Eligibility for SGB Scheme):
1. भारत के निवासी (Resident of India):
यदि आप भारत के निवासी हैं, तो आप सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश करने के पात्र हैं। चाहे आप वेतनभोगी कर्मचारी हों, या स्व-रोज़गार, आप इस योजना का विकल्प चुन सकते हैं और अपने निवेश पोर्टफोलियो के हिस्से के रूप में सोने को शामिल कर सकते हैं।
2. हिंदू अविभाजित परिवार {Hindu Undivided Families(HUFs)}:
यदि आप हिंदू अविभाजित परिवार से हैं, तो आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में भी निवेश कर सकते हैं। इस योजना के माध्यम से HUFs के पास अपनी निवेश हिस्सेदारी में विविधता लाने का अवसर है।
3. ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थान (Trusts and charitable institutions):
यदि आप किसी ट्रस्ट या पंजीकृत धर्मार्थ संस्थान का हिस्सा हैं, तो आप एसजीबी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। यह ट्रस्टों और धर्मार्थ संगठनों को अपने धन का एक हिस्सा सुरक्षित और विनियमित तरीके से सोने के निवेश में आवंटित करने का अवसर प्रदान करता है।
4. विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान (Universities and educational institutions):
यदि आप भारत में किसी विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान से जुड़े हैं, तो आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश की संभावना तलाश सकते हैं। इससे शैक्षणिक संस्थानों को अपनी निवेश हिस्सेदारी में विविधता लाने और समय के साथ सोने की कीमत में बढ़ोतरी से संभावित रूप से लाभ उठाने की अनुमति मिलती है।
5. अनिवासी भारतीय {Non-Resident Indians (NRIs)}:
यदि आप अनिवासी भारतीय (एनआरआई) हैं, तो आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के पात्र हैं। हालाँकि, कृपया ध्यान दें कि एसजीबी की खरीद आपके अनिवासी बाहरी {Non-Resident External (NRE)} या विदेशी मुद्रा अनिवासी {Foreign Currency Non-Resident (FCNR)} खातों में रखी गई धनराशि का उपयोग करके भारतीय रुपये में की जानी चाहिए।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि, पात्र संस्थाएं एसजीबी में निवेश कर सकती हैं, लेकिन खरीदे जाने वाले बांड की मात्रा पर कुछ प्रतिबंध हैं। एक वित्तीय वर्ष में व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए न्यूनतम निवेश एक ग्राम सोना है और अधिकतम सीमा चार किलोग्राम है। ट्रस्टों और समान संस्थाओं के लिए अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में कौन निवेश नहीं कर सकता है || Who cannot invest in a sovereign gold bond scheme
1. अवयस्क (Minors):
18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के पात्र नहीं हैं। इन बांडों में निवेश करने के लिए उनके पास कानूनी उम्र होनी चाहिए और उनके पास आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए।
2. विदेशी संस्थाएँ और व्यक्ति (Foreign entities and individuals):
विदेशी संस्थाएँ और व्यक्ति जो भारत के निवासी नहीं हैं, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश नहीं कर सकते हैं।
3. पावर ऑफ अटॉर्नी रखने वाले व्यक्ति {Persons holding Power of Attorney (POA)}:
किसी अन्य की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी रखने वाले व्यक्तियों को आमतौर पर एसजीबी में निवेश करने की अनुमति नहीं होती है। निवेश वास्तविक निवेशक के नाम पर किया जाना चाहिए, और पीओए रखने वाला व्यक्ति उनकी ओर से निवेश नहीं कर सकता है।
सॉवरेन गोल्ड बांड योजना के बारे में आवश्यक तथ्य || Essential facts about the sovereign gold bond scheme
यह समझाने के बाद कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना क्या है, यहां इस योजना के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर एक नजर डाली गई है।
- सॉवरेन गोल्ड बांड 8 साल तक की अवधि के लिए प्रदान किए जाते हैं। हालाँकि, कोई भी 5वें वर्ष के बाद ही बांड से बाहर निकल सकता है। आप केवल 5वें, 6वें और 7वें वर्ष पर ब्याज भुगतान तिथियों पर योजना से बाहर निकल सकते हैं।
- यदि आप एक वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) में एक व्यक्तिगत ग्राहक या हिंदू अविभाजित परिवार के सदस्य हैं, तो आप अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की सदस्यता ले सकते हैं। ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थाएं 20 किलोग्राम तक सोने की सदस्यता ले सकते हैं।
- 2006 के सरकारी प्रतिभूति अधिनियम के तहत, गोल्ड बांड स्टॉक के रूप में जारी किए जाते हैं और निवेशकों को जारी किए गए शेयरों के लिए होल्डिंग प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।
- एसजीबी संपार्श्विक परिसंपत्तियों के रूप में भी कार्य करता है जिसका उपयोग वित्तपोषण सुविधा का लाभ उठाने के लिए किया जा सकता है। इससे आपको सस्ती ब्याज दरों पर गोल्ड लोन पाने में मदद मिल सकती है। Loans के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें 👉 13 Different Types of Loans: जो आपको जरूर पता होना चाहिए।
सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश से जुड़े जोखिम || Risks Associated with Investing in SGB bonds
चूंकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी प्रतिभूतियां हैं, लेकिन फिर भी इसमें निवेश से जुड़े कुछ जोखिम हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. बाजार जोखिम (Market risk)-
सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए आपके निवेश का मूल्य ऊपर या नीचे हो सकता है।
2. ब्याज दर जोखिम (Interest rate risk)-
एसजीबी पर ब्याज दर तय है, इसलिए यदि ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो आपके निवेश का मूल्य घट सकता है।
3. मुद्रास्फीति का जोखिम (Inflation risk)-
यदि मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो आपके निवेश का मूल्य बढ़ सकता है।
भारत में सॉवरेन गोल्ड बांड योजना 2023-24 ऑनलाइन कैसे खरीदें || How to buy sovereign gold bond scheme 2023-24 online in India
विभिन्न निवेश मंच एसजीबी में निवेश के विकल्प प्रदान करते हैं, जिनमें एसबीआई और एचडीएफसी जैसे नामित बैंकों के माध्यम से आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आसानी से खरीद सकते है। बॉन्ड को खरीदने के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट के माध्यम से ‘निवेश’ टैब पर क्लिक करके आवेदन कर सकते हैं। बांड खरीदने लिए नीचे 👇 दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें –
- सर्व प्रथम अपने नेट बैंकिंग खाते में log in करें।।
- ‘ईसर्विसेज’ (eServices) सेक्शन पर जाएं और ‘सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड’ विकल्प ढूंढें।
- नियम और शर्तों (Terms and conditions) को ध्यान से पढ़ें, फिर ‘आगे बढ़ें’ पर क्लिक करें।
- जरूरी जानकारी के साथ पंजीकरण फॉर्म को भरें और फिर ‘सबमिट’ पर क्लिक करें।
- खरीद फॉर्म में, नामांकित व्यक्ति के विवरण के साथ सदस्यता की मात्रा निर्दिष्ट करें।
- एक बार सभी विवरण दर्ज हो जाने के बाद, अपने निवेश को अंतिम रूप देने के लिए ‘सबमिट’ पर क्लिक करें।
इसके अलावा, Upstox, Zerodha Kite, Groww और अन्य कई प्लेटफ़ॉर्म निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं।
Upstox में खाता खोलने के लिए नीचे 👇 दिए गए लिंक 🔗 पर क्लिक करें ~
👉 https://link.upstox.com/aG8K
निष्कर्ष (Conclusion):
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना अतिरिक्त लाभ के साथ सोने में निवेश चाहने वाले व्यक्तियों के लिए एक आकर्षक निवेश अवसर प्रस्तुत करती है। अपनी सुरक्षा, आकर्षक रिटर्न, कर लाभ और तरलता के साथ, यह आज के गतिशील वित्तीय परिदृश्य में निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प के रूप में खड़ा है। इस योजना में भाग लेकर, निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विविधता ला सकते हैं और अपने धन की रक्षा कर सकते हैं तथा इसके साथ ही सोने की कीमतों में संभावित उछाल का लाभ उठा सकते हैं।
DISCLAIMER:
हालाँकि, कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले गहन शोध करना और वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करना आवश्यक है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की बारीकियों से अवगत रहकर और समझकर, निवेशक सूचित विकल्प चुन सकते हैं और इस आकर्षक निवेश अवसर का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
कृपया ध्यान दें कि उपरोक्त जानकारी वर्तमान दिशानिर्देशों और विनियमों पर आधारित है। सबसे नवीनतम (up to date) और सटीक जानकारी के लिए किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेने या आधिकारिक (official notifications) अधिसूचना देखने की सलाह दी जाती है।
FAQ (अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न)
क्या एसजीबी पर कोई छूट है? || Is there any discount on SGB?
भले ही केंद्रीय बैंक ने इसे विशेष रूप से नहीं बताया है, लेकिन जो ग्राहक सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों की वेबसाइटों के माध्यम से ऑनलाइन एसजीबी के लिए आवेदन करते हैं, उन्हें निर्गम मूल्य से 50 रुपये प्रति ग्राम कम का भुगतान करना होगा जो नाममात्र का छूट है, परन्तु इस छूट को पाने के लिए डिजिटल तरीके से भुगतान करना होगा।
क्या एसजीबी पर कर लगता है? कैसे? || Are SGBs taxed? How?
स्वर्ण बांड पर ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 (43 of 1961) के प्रावधान के अनुसार कर योग्य होगा। किसी व्यक्ति को एसजीबी के मोचन (redemption) पर उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ कर से छूट दी गई है, इसके साथ ही बॉन्ड पर टीडीएस लागू नहीं है। बांड के हस्तांतरण पर किसी भी व्यक्ति को होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन लाभ प्रदान किया जाएगा।
एसजीबी के लिए ब्याज दर क्या है? || What is the rate of interest for SGBs?
एसजीबी के लिए वर्तमान ब्याज दर आपके प्रारंभिक निवेश पर 2.50% प्रति वर्ष है। इसका भुगतान साल में दो बार (अर्ध-वार्षिक) 8 साल तक, यानी परिपक्वता तक किया जाता है। ब्याज सीधे आपके खाते में जमा किया जाएगा, जिसे आपने निवेश करते समय साझा किया था।
किस प्रकार के सोने में निवेश सर्वोत्तम है? ठोस सोना (बिस्कुट/बार/सिक्के) || Which type of gold investment is best? Solid Gold (Biscuits/Bars/Coins)
पात्रता एवं मानदंडों को पूरा करने वाला कोई भी व्यक्ति बिस्कुट, बार या सिक्के खरीदकर भी ठोस सोने में निवेश कर सकते हैं। यहां मेकिंग चार्ज बहुत कम है और बेचते समय आपको अच्छा रिटर्न भी मिलता है। हालाँकि, भौतिक सोने को पास में रखने पर भंडारण और चोरी का जोखिम रहता है।
गोल्ड फंड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के बीच क्या अंतर है? What is the difference between gold fund and sovereign gold bond?
गोल्ड म्यूचुअल फंड भौतिक सोने या सोने से संबंधित प्रतिभूतियों जैसे गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं। जहां फंड मैनेजर सक्रिय रूप से पोर्टफोलियो का प्रबंधन करता है। इसके विपरीत, एसजीबी भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की गई ऋण प्रतिभूतियां हैं।
एसजीबी में कौन निवेश कर सकता है? || Who can invest in SGBs?
कोई भी भारतीय निवासी- व्यक्ति, ट्रस्ट, एचयूएफ, कंपनी, धर्मार्थ संस्थान और विश्वविद्यालय एसजीबी में निवेश कर सकते हैं तथा इसके साथ ही आप किसी नाबालिग की ओर से भी निवेश कर सकते हैं।
क्या एसजीबी के लिए कोई निवेश सीमा है? || Is there any investment limit for sovereign gold bond?
1. न्यूनतम निवेश सीमा- 1 ग्राम 2. अधिकतम निवेश सीमा व्यक्तियों एवं हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए- 4 किलोग्राम प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च)। 3. अधिकतम निवेश सीमा कंपनियों, ट्रस्टों और अन्य संस्थाओं के लिए- 20 किलोग्राम प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च)
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